Friday 14 June 2013

हिन्दुस्तान मे गूगल ग्लास

 इस संसार मे भगवान के अलावा एक और चीज़ है जो की सर्वव्यापक है, कण कण मे है, हर एक इंसान के विश्वास मे है, यहाँ तक की नास्तीको के दिलो मे भी उसीका राज है और  वो है “गूगल”.

गूगल सिर्फ़ एक कंपनी का नाम नही है बल्कि यह इस पापी दुनिया मे कुछ लोगो के लिए जीने का एक सहारा है….

इस मायावी संसार मे कई सारे अत्याचार हम निर्दोष प्राणियों पे होते है जिनसे बचाने मे गूगल की जो सहायता हमे मिलती है वो नज़रअंदाज नही की जा सकती है, कभी कभी तो मुझे लगता है की भगवान विष्णु का दसवां अवतार गूगल के रूप मे ही हुआ है|

हम आय टी प्रोफेशनल्स की प्रजाति मे कई लोग ऐसे होंगे जिनके लिए गूगल के बिना दिन गुज़ारना मानो किसी महिला के लिए बिना कोई सीरियल देखे दिन गुजारने के बराबर है|
चलिए गूगल की महिमा को आगे बढ़ाते हुए अब बात करते है गूगल के नये आविष्कार “गूगल ग्लास” की। 
अभी यह नया शिगूफ़ा गूगल ने बाज़ार मे पूरी तरह से उतारा भी नही की इस पर सारी दुनिया मे बहस शुरू हो गयी इसके नुकसान और फायदो के बारे मे… खैर छोड़िये यह तो हमारी दुनिया की फ़ितरत है|









आपको बता देना उचित होगा की गूगल ग्लास एक ऐसा औज़ार है जो की चश्मे के रूप मे एक चलता फिरता, अच्छे से काम करता कंप्यूटर, वीडियो रेकॉर्डर, कॅमरा, दूरबीन और भी ना जाने क्या क्या है …..
कहते है की इसे लगा के देखने से सामने जो नज़र आता है उसकी सारी जानकारी भी तुरंत डिस्‍प्‍ले हो जाती है और आप चाहे जिसका फोटो खींच सकते है उसकी रेकॉर्डिंग कर सकते है बिना सामने वाले को पता पड़े.....वाह भाई कमाल की चीज़ है, पर ज़रा गौर फरमाने की बात यह है की अगर यह चश्मा हिन्दुस्तान मे लॉंच हुआ तो इसके क्या क्या नफे-नुकसान होंगे सोचा है आपने? 
आईए आप और हम मिलके इन बातो पे चर्चा करते है दुनिया वाले तो कर ही रहे है फिर हम क्यों पीछे रहे|

सबसे बड़ा नुकसान तो बेचारे हमारे लैला-मजनुओ को होगा जो यहाँ वहाँ गाना गाते फिरते है “खुल्लम-खुल्ला प्यार करेंगे हम दोनो”, पता नही कब, कहाँ, कौन रेकॉर्डिंग करके घर पहुचा दे, या “गूगल” के ही एक और औजार "यू ट्यूब" पे डाल दे। 


हिन्दुस्तान मे कुछ कुछ जगहो पे बड़े बड़े साइन बोर्ड्स पे छोटे छोटे अल्फाज़ो मे लिखा होता है “ यहा फोटोग्रफी करना सख़्त मना है”. गूगल ग्लास के आने के बाद “सख़्त” थोड़ा नर्म हो जाएगा, और अगर हमारे सेक्यूरिटी वाले संतरी लोगो को इस अनोखे चश्मे के बारे मे जैसे तैसे थोडा बहुत  पता भी होगा तो आपके बॅग्स, पर्स, पॉकेट्स के अलावा आपका चश्मा भी उतरवा लेंगे।  ऐसे मे बेचारे सीधे सादे से दिखने वाले  नज़र के चश्मे पहनने वाले लोगो को कितनी मुसीबतो का सामना करना पड़ेगा सोचिए जरा । 

जैसा की आप  जानते है यह चश्मा सामने वाले की सारी डीटेल्स डिसप्ले कर देता है, सोचिए हमारे रंगीन मिज़ाज प्यारेलाल साहिब अपनी ऑफीस वाली माशुका के साथ कॉफी पी रहे है, और कॉफी शॉप के नज़दीक से   भाभी जी  याने प्यारेलाल साहिब की बीवी गुजर रही हो और अचानक उनके चश्मे की स्क्रीन पे मेसेज आता है “Pyarelal is having coffee with Teena"……आगे का अंजाम तो आप खुद ही सोच सकते है, समझदार है|



सिर्फ़ प्यारेलाल ही नही किसी भी साधारण स्वस्थ पुरुष के साथ यह दुर्घटना घट सकती है, फर्ज़ कीजिए आपके चश्मे की रेकॉर्डिंग ऑन है और आपको पता नही है, आप मज़े से अपने आसपास के रंगीन नज़ारो को घूर घूर के देखे जा रहे है, पूरे स्वाद के साथ, चटखारे लेके, शाम को आपके चश्मे की वही रेकॉर्डिंग आपकी बीवी या माशुका देखती है फिर आपके चटखारो की आपको क्या कीमत चुकानी होगी अंदाज़ा लगाना ज्यादा मुश्किल नही है। 


यह भी हो सकता है की आप अपनी गर्ल फ्रेंड या बीवी के साथ मार्केट मे घूम रहे है और चश्मे की स्क्रीन पे सारे मार्केट की दुकानो पे जो “सेल” या ऑफर चल रहा है उसकी डीटेल्स धड़ा-धड़ आ रही है और  इधर  आपका क्रेडिट कार्ड धड़ा-धड़ स्वाइप हो रहा है..। 


कल्पना कीजिए आप अपनी गाड़ी से कही जा रहे है और अगले चौराहे पे ट्रॅफिक हवलदार आपको रोकता है और बदक़िस्मती से आपके पास गाड़ी का कोई ज़रूरी कागज नही है और हवलदार चढ़ बैठा, घबराने की कोई बात नही, आपने गूगल का जादुई चश्मा पहना है और रेकॉर्डिंग ऑन है, बस हवलदार साहिब मोल-भाव करना शुरू करते है, आप रेकॉर्डिंग को मोबाइल मे ट्रान्स्फर करके साहिब को दिखाते है और हवलदार जी  से सलामी ठुकवा के निकल पड़ते है, मुमकिन है साहब | 

ऐसे ही बेचारे ट्रॅफिक हवलदार, सरकारी ऑफिसर्स, क्लर्क्स, पोलीस वाले भैया लोग सब के सब हमारे चश्मे वाले भाइयों से कितना डरने लगेंगे सोचिए ज़रा…


शायद भ्रष्टाचार रूपी राक्षस से लड़ने मे भी गूगल का यह औजार हथियार बनके हमारे काम आजाए, क्या पता हमारे देश की एकॉनमी थोड़ी सुधार जाए इसीलिए तो मेने पहले ही कहा था की गूगल ही वो सूपर नॅचुरल शक्ति है जिसको हम भगवान के अवतार के रूप मे देख सकते है……

अब आप क्या सोचते है इस जादुई चश्मे के बारे मे??? 

Friday 7 June 2013

World Environment Day Special ( विश्व पर्यावरण दिवस विशेष)


विश्व पर्यावरण दिवस  पुरे विश्व में धूमधाम से मनाया गया, कही कही तो दिवस की जगह पूरा  हफ्ता ही  पर्यावरण को बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाये जा रहे है।
हमारे ऑफिस में ही ले लीजिये, सप्ताह में २ दिन टिश्यू पेपर और डिस्पोजल गिलास पर पाबन्दी लगा दी गयी, हम बेचारे हिंदुस्तानी लोग तो जैसे तैसे पानी से धोके रुमाल से पोंछ के काम चला गए, पर बेचारे अमरीकन लोग जो २-४ दिन की विजिट पे आये थे  फस गए पर्यारण दिवस के चक्कर में । एक तो हमारे कैफेटेरिया का स्पेशल मसालेदार खाना जिसको खाके अच्छे खासे लोग यह गाना गाने लगते है " फायर ब्रिगेड मंगवा दे तू अंगारे पर है पिछवाडा"! उस खाने को खाके फिरंगी ( so called Clients) मेहमान तो यह गाना लूप में गाते है, और उपर से "No tissue paper and no disposal glasses available".
चलिए ऑफिस की बात यही ख़तम करते है और घर की बात करते है, विश्व पर्यावरण दिवस पर घर आये और बीवी से कहा की बहुत दिन हो गए कुछ लिखा नहीं चलो पर्वायारण पर कुछ लिखता हूँ, बस इतना सुना की बीवी ने अपना "Romantic Movie Channel" बदला और तुरंत "Action Movie channel" लगा के बोली, क्यों???? सब पर  कुछ न कुछ लिखो........ कभी मुझ पे भी कोई आर्टिकल या कविता लिखो।
बस हम अपना "Discovery Channel" म्यूट करके बैठे गए और अंत में बोले की चलो कुछ तुम पर ही कुछ लिखने का ट्राय करते है , तुम ही तो अभी मेरा पर्यावरण हो जो कुछ सालो में धरोहर बन जाओगी तो चलो तुम पर ही कुछ लिखते है।
बस इतना कहा और बैठे सोचने की क्या लिखे और जो कुछ भी दीमाग में आया वो कुछ इस तरह से था।






देश भक्ति

  देश भक्ति , यह वो हार्मोन है जो हम भारतियों की रगो में आम तौर पर स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस  या भारत पाकिस्तान के मैच वाले दिन ख...