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Wednesday 23 May 2018

शादी के बाद के भी बाद

"शादी के बाद तुम बदल गए" ये बात तो सुन ही चुके होंगे आप अगर आपकी शादी को अच्छा खासा समय(१-२ साल) हो गया है तो। अब बात करते है शादी के बाद के भी बाद के बदलाव की। 

बच्चा, जी हाँ बच्चा होने के बाद ज़िन्दगी फिर एक अँधा मोड़ लेती है और आपकी दिशा और दशा पर कुछ प्रभाव डालती है। 

 फेसबुक पर in relationship, engaged with, married with, और ढेरो चेक-इन स्टेटस के बाद एक और माइलस्टोन आप अचीव करते है , blessed with baby girl /boy वाला माइलस्टोन। फेसबुक पर married with और honeymoon pictures  के कुछ साल बाद तक भी blessed with  वाला माइलस्टोन प्राप्त न करो तो हमारे रिश्तेदारों से ज्यादा फेसबुक परेशान हो जाता है की यार अभी तक कुछ हुआ क्यों नहीं। 

तो अगर आपसे किसी परीक्षा में प्रश्न पूछा जाये की बच्चा होने के बाद जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों पर प्रकाश डालिये तो उत्तर इस प्रकार लिखियेगा। 

बच्चा होने के बाद जीवन में निम्नलिखित बदलाव महसूस किये जाते है। 

१.  "बेबी" शब्द का प्रयोग अब कन्फ्यूजन पैदा करने लगता है की किसके लिए करे इसलिए इस सम्बोधन को अलविदा करना पड़ता है। 

२. अब ऑफिस से घर आते वक़्त लाने वाले सामान की लिस्ट में बहुत बड़ा बदलाव आ जाता है। शादी से पहले तो सीधा घर भी नहीं पहुंचते थे , शादी के बाद जल्दी घर पहुंचना पड़ा वो भी सब्जी भाजी लेके। किन्तु बच्चा होने के बाद तो रॉकेट की रफ़्तार से घर पहुंचना पड़ता है वो भी सब्जी भाजी फ़ल डायपर दवाई लेके।

३.  कुछ साल पहले पूछे गए सवाल "रि -वाइटल जैसी फालतू दवाई कौन लेता है" का जवाब मिल जाता है जब दिनभर ऑफिस में काम करने के बाद रात रात भर सिर्फ इसलिए जागना पड़ता है की हम बच्चे की माँ को जता सके की तुम अकेली नहीं परेशान हो।  

४. कुछ समय के लिए आपकी डिक्शनरी में से कुछ शब्दों को पूरी तरह मिटा दिया जाता है जैसे फिल्मे, टीवी सीरीज, स्पोर्ट्स मैच, नाईट आउट , पार्टी, आउटिंग, रोमांटिक डिनर (विथ वाइफ) वगैरह। 

५. एक बार बच्चा सो जाये ( चाहे दिन हो या रात)  फिर तो घर आर्मी ऑपरेशन की फील्ड बन जाता है , एक एक कदम फूंक फूंक के रखना पड़ता है। ऐसे में घर में बिखरे पड़े बच्चे के खिलौने लैंड माइन का काम कर सकते है। गलती से भी किसी चूं चूं करने वाले खिलौने पर पाँव पद गया तो धमाका हो सकता है। इसलिए एक बार बच्चा सो जाये तो घुसर फुसर करके ही काम चलाना चाहिए।

६. यही नहीं अगर बच्चा आपकी गोदी में सो गया तो ज़ाहिर सी बात है की उसको जैसे ही गोदी से निचे सुलाने जाओगे वो फिर उठ जायेगा। ऐसे में जब आप सफलता पूर्वक अपने बच्चे को गोदी से उतार के बिस्तर में सुला सको वो भी बगैर उसकी नींद ख़राब किये तो कसम से ऐसी राहत की साँस मिलती है जैसे हमने अपने हाथो से कोई बम डिफ्यूज़ किया हो।

७. पहले कहाँ आप इंटलेक्चुअल बनने की फ़िराक़ में quora.com, TedX.com, न्यूज़ पोर्टल्स इत्यादि खंगाला करते थे अब आपकी ब्राउज़िंग हैबिट्स के आयाम बदल जाते है। ले देके babycenter.com या दूसरी पेरेंटिंग साइट्स से आगे बढ़ नहीं पाते।

८. अच्छा, पहले के ज़माने में किन्नर लोगो को अपने आप भनक लग जाती थी की आपके यहाँ बच्चा हुआ है और वो आपके घर ताली बजाते हुए शगुन लेने पहुंच जाते थे। लेकिन आजकल वही काम ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स ने शुरू कर दिया है। गलती से आप अगर कोई बेबी प्रोडक्ट देख लो तो ब्राउज़र नाम का चमचा सारे शॉपिंग साइट्स को खबर भिजवा देता है की आपके यहाँ बच्चा हुआ है। बस फिर क्या, आप फेसबुक चलाओ, या ट्विटर, कोई गेम खेलो या कोई मेल खोलो । हर जगह आपको ये साइट्स ताली बजाती हुई मिलेगी  की हमारे यहाँ से ये लेलो वो लेलो। आपके इनबॉक्स तक में राय मशविरे पहुंचने लगेंगे। 

९. सबसे बड़ा बदलाव तो आता है आपके और आपकी बीवी के बिच के वार्तालाप का। वो वाले "बेबी टॉक्स" असली वाले बेबी टॉक्स में बदल जाते है। 

10. अब तो फ़ोन की गैलरी में भी ये बेबी उस बेबी की जगह लेने लगता है।  

११. एक और बात, आपके जीवन के इतने सालो में जो न हुआ वो होने लगता है।  आपकी अब तक की उम्र में कितनी बार ऐसा हुआ है की कोई खूबसूरत सी बाला या बालाओ का झुण्ड अनायास ही आपकी तरफ मुस्कुराता हुआ लपक पड़े और बोले aweeeee.....shoo cute........ बताओ कितनी बार हुआ ? किन्तु आपका ये नन्हा फरिश्ता आपको इस वाली ख़ुशी का भी वरदान देदेता है आप जब भी अपने कॉलोनी, मोहल्ले, मॉल या बाजार में इसको लेके निकलो। 

थोड़ा गंभीर होकर  बात करे तो ईश्वर के इस वरदान के बाद जीवन में वाकई एक अभूतपूर्व परिवर्तन की अनुभूति होती है, मुझे तो शायद ईश्वर ने ज्यादा काबिल समझा और एक बेटी का वरदान दिया। मैंने अब तक शायद किसी बात से इतना गौरवान्वित महसूस नहीं किया जितना एक बेटी का बाप बन के किया।  १० महीने की हो चुकी है और कुछ ही दिनों में १ साल की हो जाएगी। उसके साथ ये एक साल कब और कैसे निकल गया पता ही नहीं पड़ा। 

Introducing my daughter my heartbeat Prisha Dubey 








Friday 2 June 2017

सुखी और सफल वैवाहिक जीवन के आधुनिक नुस्ख़े -1

सुखी और सफल वैवाहिक जीवन के आधुनिक नुस्ख़े

 अरे आप हंस क्यों रहे हो ? चुटकुला नहीं है। ऐसा होता है। वैसे सफल वैवाहिक जीवन होना अलग बात है, सुखी वैवाहिक जीवन होना दूसरी बात है और एक सुखी प्लस सफल का कॉम्बो वैवाहिक जीवन सबसे बड़ी बात है जो शायद आपको फिक्शनल सी लगे। लेकिन यकीन मानो सुखी, सफ़ल और ऊपर से वैवाहिक, ऐसा जीवन होता है इसी धरती पर होता है। झूट बोलू तो काला कुत्ता काटे (कुत्ता इसलिए क्योंकि काले कौवे आजकल हमारी लोकैलिटी में नहीं मिलते, वो पुराने लोग कहते है न कि  कौवा बोले तो अतिथि आ जाते है, इसीलिए अतिथियों के भय से हमने कौवो को मार भगाया, और अपने अपने घरो में कुत्ते पाल लिए है। )

 मुद्दे पर आते है, तो जनाब जिनका कट चूका है मतलब विवाह हो चूका है वो लोग ध्यान और मन लगा के पढ़िए और वो जिनकी बुद्धि अब तक सही सलामत है वो तो अवश्य पढ़े। अविवाहित इंसान सदैव ऐसा नहीं रहने वाला, क्योंकि किसी ने कहा है कि भारत में मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जो विकासशील हो न हो विवाहशील जरूर है । आप कितने ही अच्छे तैराक क्यों न हो विवाह रूपी दरिया में आपने डूब ही जाना है एक दिन।

पुरातन काल में तो हमारे पूर्वजो ने जैसे तैसे अपने जीवन को सुखी और सफल बना लिया था किन्तु मॉडर्न युग में आपको अगर एक सुखी और सफल वैवाहिक जीवन जीने की कला सीखनी है तो अपने आसपास गौर से देखना शुरू कीजिये।

हमने भी अपने आसपास की चीजों का थोड़ा अध्ययन किया और गूढ़ रहस्य का पता पड़ा की सोशल मीडिया वाले आधुनिक काल में स्वयं के चुने हुए शत्रु के साथ कैसे जीवन बिताया जाये। जी हाँ दोस्तों, मैंने  हाल ही में जाना कि सोशल मिडिया के जरिये आप सिर्फ सरकार ही नहीं चला सकते अपितु घर गृहस्थी और परिवार भी चला सकते है।

कैसे ?

निम्नलिखित बिंदुओं को पढ़े और आत्मसात करे। आज सोशल मीडिया का जमाना है उसका भरपूर उपयोग ही आपको बैकुंठ धाम का सुख देगा।

१. बीवी को कभी भी फेस-टू -फेस हैप्पी बर्थडे न बोले, बल्कि फेसबुक पर एक घटिया से शायर की चुराई हुयी तुकबंदी के साथ जन्मदिन की शुभकामनायें दें। (इसके लिए मुझे संपर्क करे, हाथोहाथ तुकबंदी करके देंगे वाज़िब दाम पर) अपनी फेसबुक पोस्ट में बताएं दुनिया को की आप कितने खुशनसीब है जो आपको ऐसी (ऐसी मतलब, वो जैसी है वैसे नहीं लिखना है उसका उलट बहुत तारीफों के साथ लिखना है ) बीवी मिली है। खबरदार जो अगर आपने यहाँ सच का एक बूँद भी लिखा, तो बे-मौत मारे जाओगे। (इसकी जिम्मेदारी हम नहीं लेंगे)

२. जन्मदिन पर आप उसके कुछ पुराने अच्छे से (फ़िल्टर और मेकअप वाले ) फोटोज़ भी पोस्ट कर सकते है। यहाँ भी  यह ध्यान रहे की कोई ऐसा फोटो गलती से भी न पोस्ट हो जाये जिसमे फ़िल्टर न लगा हो या बिना मेकअप वाला फोटो हो।अगर आपसे ऐसा कुछ हो जाता है तो एम्बुलेंस को एडवांस में फ़ोन करके रखिये।


३. अच्छा, आपको उसके अच्छे फोटोज नहीं मिल रहे है तो बढ़िया मौका है रिश्ते को मजबूत करने का, तुरंत एक DSLR खरीद डालिये, ऑटो मोड में बीवी के धड़ाधड़ फोटोज निकालिये। जहाँ भी आप जाइये कैमरा लेकर जाइये। और इन फोटोज को अच्छे से डबल प्रोसेस करके बीवी को कहिये अपलोड करे। फिर आप अपने आप को टैग करे और फोटोज पर होने वाली लाइक्स का हाफ सेंचुरी, सेंचुरी, डबल सेंटरी इत्यादि सेलिब्रेट जरूर करे।

४ . बीवी के द्वारा शेयर की हुयी हर पोस्ट को Like करे खासकर वो वाली पोस्ट्स जिसमे वो बता रही है की पिछले जनम में भी उसके पति आप थे, या उसके लिए सबसे अच्छा शहर पेरिस है, या उसकी शकल किसी सेलिब्रिटी से मिलती है या वो इस दुनिया में क्यों आयी है । इन सब पोस्ट्स को बराबर like करिये। क्योंकि इनमे वो आपको already टैग तो कर ही चुकी है ।

५ . जब भी कोई फ़िल्म देखने जाओ या किसी मॉल में तफरी ही करने जाओ तो फेसबुक पर चेक-इन करना न भूलें , और हाँ उस चेक-इन में अपनी बीवी को टैग करना तो कतई न भूलें। बता रहा हूँ ये सबसे लोकप्रिय नुस्खा है सामंजस्य बैठाने का।


६ . आप भले ही ५ स्टार होटल या किसी लक्ज़री रेस्टारेंट के बाजू में खड़े होकर पानीपुरी खा रहे हो लकिन फेसबुक पर चेक इन होटल या रेस्टॉरेंट का ही करे।

७ . बजट निकाल के हर साल विदेश नहीं तो कम से कम मनाली, नार्थ-ईस्ट इत्यादि जगहों पर जाकर ढेरो फोटो खिचवा के आये। ज्यादा कहीं नहीं तो महाबलेश्वर या गोवा ही चले जाये। फिर उन फोटोज को साल भर एक एक करके चिपकाते रहिये with the tagline "Golden memories" . ये बहुत प्रभावित करने वाला नुस्खा है।
(लोगो को नहीं अपनी घरवाली को प्रभावित करने वाला नुस्खा )

अरे अरे रुकिए अभी आपके दिमाग में सवाल आया होगा बीवी को हर जगह टैग करके वो खुश कैसे होगी ? तो जनाब  ऐसा है कि बीवी को जब आप ऐसी सुहानी, रोमांटिक और महँगी घटनाओ पर टैग करते हो तो वो वो मैसेज जाता है बीवी की सहेलियों को। और यही तो आपकी बीवी चाहती है।
और वो इतना ही नहीं चाहती, वो यह भी चाहती है की उसके साथ आपकी मुस्कुराती हुयी फोटो लगाने से आपकी भी सखियों तक मैसेज पहुंचे कि आप अपनी बीवी के साथ कितने खुश है।

८  .अगली बात , अपने ज़ेहन में २ तारीखें परमानेंट मार्कर से गोद के रखे एक तो बीवी का जन्मदिन और दूसरा खुद का बलिदान दिवस (शादी की सालगिरह) . जैसे ही सालगिरह आये वैसे ही फिर वही, एक अच्छा सा दार्शनिक सा पोस्ट डाले और अपनी अर्धांगिनी को सालगिरह विश करें। ( फेसबुक पर ही )

 
९  . जब भी आप कुछ महंगा सामान खरीदें खुद के पैसो से खुद के लिए, तो उसको ख़ुशी ख़ुशी इस्तेमाल करने के लिए पहले फेसबुक पर डिक्लेअर करे की यह खूबसूरत तोहफा आपको आपकी beloved wife ने दिया है और आप उसके शुक्रगुजार है। उसको फेसबुक पर ही थैंक यू भी कहें। यह बात हर चीज पर लागू होती है, जी हाँ आप कच्छे बनियान तौलिये को भी गिफ्ट डिक्लेअर कर सकते है।

१०  .  अंतिम बात ,आप अगर राजनीती, खेलकूद, वैश्विक समस्याएं, सामाजिक कुरीतियों या टेक्नोलॉजी से जुडी कोई पोस्ट कर रहे है तो गलती से भी उसमे अपनी बीवी को टैग न करे।  ये सारी बातें एलर्जिक हो सकती है और आप को इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते है। लेकिन अगर आप बॉलीवुड या टीवी जगत से जुडी कुछ बात शेयर कर रहे है तो पक्का टैग करे।

और हाँ सबसे बड़ी बात, ये नुस्खे वाली बात अपनी बीवी को कतई न बताये, मेरा नाम लेकर तो बिलकुल नहीं। प्लीज हाथ जोड़कर विनती है।

अभी के लिए इन १० बातो पर अमल करिये, तब तक मैं कुछ और नुस्खे खोज के लाता हूँ।

मजा आये या न आये मेरी इस पोस्ट को लाइक जरूर करना सिर्फ यह जताने के लिए की आप एक भले मानस है। नहीं किया तो काला कुत्ता पीछे पड़ जाये

Thursday 3 March 2016

कन्हैया की ज़मानत

  
हमारा देश आजकल एक अलग ही "संघर्ष" से जूझ रहा है। JNU के मसले को कोई हर दिन एक नया मोड़ दिया जाता है। इस सिलसिले में "सच" DSLR कैमरा की रॉ फाइल की तरह है जो सिर्फ फोटोग्राफर के पास है और हमारे सामने सिर्फ "Processed" फोटो ही आ रही है।  जिसको जैसी फोटो अच्छी लगे उसके लिए उसी प्रकार से "Process" की हुयी तस्वीर हाजिर कर दी जाती है। क्या पता २ साल बाद यूनिवर्सिटी का कोई कर्मचारी सेवानिवृत्त होने के बाद एक नया ही सच लेकर सामने आये। बहरहाल इस फैशन शो के शोस्टॉपर कन्हैया कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट ने ज़मानत दे दी है।


किन्तु यह ज़मानत कुछ चेतावनी और मशवरों के साथ दी गयी है। मीडिया और सोशल मीडिया पर हर कोई ज़मानत का जिक्र कर रहा है किन्तु उसके ऊपर लगे * ( शर्ते लागू) का जिक्र कोई नहीं कर रहा है। कन्हैया की ज़मानत के कोर्ट के आदेश की एक प्रति हमारे हाथ भी लग गयी है तो हमने सोचा क्यों न हम आपके सामने कन्हैया की ज़मानत का विश्लेषण प्रस्तुत करें  in cut to cut style.

तो जनाब, कोर्ट के आदेश के मुताबिक,

"कन्हैया को ६ महीने की जमानत पर रिहा किया जाता है और उसके माँ बाप को मशवरा दिया जाता है कि  जल्द से जल्द कन्हैया के लिए एक लड़की ढूंढ कर उसके साथ इसकी शादी करवा दी जाये। कन्हैया को अगले ३० दिनों के भीतर अपना फेसबुक रिलेशनशिप स्टेटस "कोम्प्लिकेटेड " से बदलकर "मैरिड To XYZ" करना है। अदालत चाहती है की एक महीने बाद कन्हैया के फेसबुक वाल पर JNU वाले वीडियो के बजाये हनीमून के पिक्चर्स पाये जाने चाहिए। अदालत बहुत ही बारीकी से कन्हैया का फेसबुक फॉलो कर रही है और उपरोक्त सभी मटेरियल फेसबुक या न्यूज़  में न पाये जाने पर  इसे अदालत की अवमानना करार दिया जायेगा "

अदालत के इस क्रांतिकारी फैसले को समझने के लिए जब हमने हाईकोर्ट  के एक वरिष्ठ वकील से बात की तो बेहद ही चौंकाने वाली बात सामने आई। आईये पढ़िए क्या कहा उन्होंने।

"देखिये, अदालत ने यह फैसला बहुत ही सोच समझ कर "बच्चे" के जीवन को संवारने के लिए दिया है। कन्हैया एक अच्छा स्टूडेंट बने न बने परन्तु उसे एक अच्छा पति तो झक मारकर बनना ही पड़ेगा।  अभी बहुत से लोगो को कन्हैया से शिकायत होगी की वो वन्दे के बाद मातरम का नारा नहीं लगाता है किन्तु शादी के बाद तो उसे I love you के बाद I love you too का नारा लगाना ही पड़ेगा। यही नहीं,  शादी के बाद कन्हैया को कश्मीर तो दूर  खुद की आज़ादी के बारे में  सोचना भी  महंगा पड़ेगा।  आज लाल-झंडे उठाने वाला हमारा ये दोस्त कल सब्जियों के झोले में लाल टमाटर उठाता हुआ मिलेगा। अफज़ल गुरु का शहादत दिवस भूल के हर साल अपना शहादत दिवस  मनायेगा शादी की सालगिरह के तौर पर। "

इतनी बात कहते कहते वकील साब की आँखें भर आयी और उन्होंने रजनीगंधा की पुड़िया फाड़कर अपने मुखकमल को समर्पित की और अब भरी आँखों के साथ भरे मुंह से बोलना शुरू किया। (पति है वो भी, अपनी छोटी से दुनिया को कदमो में लाने के लिए रजनीगंधा का नाकामयाब सहारा ले रहा है ) इससे पहले की वो गुटखे को देखकर चर्चा को बजट की और मोड़े हमने कहा आप कन्हैया पर बोलना जारी रखे।

उन्होंने आगे कहा

"देखिये मेरी नजरो में तो अदालत ने उसे एक तरह से जमानत देने के बजाय उम्रकैद का फैसला सुनाया है।  दर-असल अदालत ने त्रेतायुग के कन्हैया के केस का संज्ञान लेते हुए यह फैसला सुनाया। 

त्रेतायुग में राम थे, कृष्ण तो द्वापर में थे न सर ?

अरे हाँ तो राम को भी तो शादी के तुरंत बाद वनवास लगा था , भाई भावनाओ को समझो, GK टेस्ट तो मत करो। 

ओके ओके, आप बताईये आगे।

हाँ तो आप तो जानते ही होंगे की कैसे रुक्मणी से शादी करके द्वापर वाले कन्हैया की सारी लीलाओ पर विराम लग गया था। ऐसे ही हमारे इस JNU वाले कन्हैया का होगा। बेचारा कल तक देश की बर्बादी तक जंग लड़ने की बात कर रहा था और अब देखिएगा शादी के बाद उसकी इस वीरता पर  कैसे जंग लग जाएगी। पाकिस्तान जिंदाबाद की जगह पत्नी महान -जिंदाबाद जिंदाबाद के नारे लगाएगा । अब तक जो फेसबुक स्टेटस  क्रांतिकारी हुआ करते थे अब  'Checked into falaana-dhimkaa mall with wife', "Happy birthday dear wife" 'Watching bhutiyapa movie with wife' जैसे स्टेटस में बदल जायेंगे। सरकार बदलने की बात करने वाला हमारा वीर बहादुर 'कॉमरेड' अब टीवी का चैनल भी नहीं बदल पायेगा। में तो कहता हूँ की अदालत ने लाल सलाम को लाल बिंदी से दबा दिया है।  और.............."


"यूँही तुम मुझसे बात करती हो , या कोई प्यार का इरादा है .........."

इतनी ही गंभीर बातें हो पायी थी हमारी कि अचानक से वकील साब की बीवी का फ़ोन आ गया और यह ऊपर उनके फ़ोन की रिंगटोन थी। वकील साब को अचानक किसी "जरूरी काम" से जल्दी निकलना पड़ा। किन्तु उन्होंने बहुत ही सरल भाषा में अदालत के फैसले की व्याख्या करके हमें ज्ञान संपन्न बना दिया।


नोट: यह लेख एक व्यंग्य मात्र है और इसका उद्देश्य केवल हास्य पैदा करना है। हम भारत के नागरिक होने के नाते देश और इसकी न्याय व्यवस्था का भरपूर सम्मान करते है। और जी हाँ, शादी और पत्नियों का भी उतना ही सम्मान करते है। :) उपरोक्त लिखी सभी बाते काल्पनिक है।

Tuesday 2 February 2016

व्रत की महिमा


आगे पढ़ने से पहले एक बात आप समझ लें की यह लेख पूर्णतः पुरुषो के और विशेषतः भावनात्मक रूप से बंदी (शादीशुदा) पुरुषो के दृष्टिकोण से लिखा गया है।

तो जनाब तन की शक्ति, मन की शक्ति से कहीं बढ़कर है व्रत की शक्ति।जी हाँ सही पढ़ा आपने। व्रत की शक्ति को नज़रअंदाज करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है। विशेषकर जब कि आपकी अर्धांगिनी फलां -फलां व्रत करती है।



 शादी के बाद जीवन में आने वाले बड़े-बड़े परिवर्तनों के बीच हम छोटे-छोटे परिवर्तनों पर गौर ही नहीं कर पाते है। जैसे कि जब आप सिंगल थे तब आपके कार्यक्षेत्र पर (प्रोजेक्ट में, ऑफिस, महाविद्यालय इत्यादि जगह ) आपके आसपास हमेशा खूबसूरती छायी रहती थी। आँखें कभी तरसती नहीं थी, इसीलिए तो आप सदैव प्रसन्न रहते थे। किन्तु शादी के बाद हालात ऐसे होते है जैसे नसीब केजरीवाल (U-Turn) बन गया हो।आप को लगता है जैसे आपके साथ काम करने वालो में अचानक से डाइवर्सिटी (विभिन्न जेंडर ) ख़त्म हो गयी है। एकाएक आपको अहसास होता कि धीरे धीरे आपके साथ काम करने वालो की लिस्ट में सिर्फ पुरुष ही रह गए है।

 शादी से पहले जब भी आप कहीं कोई यात्रा करते थे ट्रैन से, बस से, वायुयान इत्यादि से तो भी १० में से ८ बार आपकी यात्रा मंगलमयी ही रहती थी । आपकी बोगी में, या आपकी पास वाली सीट पर कोई न कोई सुन्दर बाला(या बालाएँ ) जरूर बैठी मिलती थी। जिनके सिर्फ वहाँ बैठे होने भर से ही ऐसा लगता था जैसे किसी ने हवा में खुशबू घोल दी हो। जैसे किसी ने सुमधुर सरगम के राग छेड़ दिए हो। अगर मैं ग़लत कह रहा हूँ तो बताईये ? होता था कि नहीं ऐसा शादी से पहले ?और अब जब आप शादीशुदा है तो जो चीज १० में से ८ बार होती थी वो १ बार ही होती है और वो भी तब जब कि आप सपरिवार(सपत्नीक) यात्रा कर रहे होते है।

आपकी शादी से पहले आपके कईं दोस्त हुआ करते थे उनमे लड़कियाँ भी होती थी और लडके भी, कुँवारे भी होते थे और शादीशुदा भी। परन्तु जैसे ही आप शादीशुदा हुए आपके दोस्तों की लिस्ट छोटी ही नहीं हो जाती बल्कि क्लासिफाइड भी हो जाती है। कुछ शादीशुदा बेवड़े दोस्त ही गुप्त रूप से उस लिस्ट की परमानेंट आइटम होते है जिनको लिस्ट से डिलीट कर दिए जाने के बाद भी आप हर बार रिसाईकल बिन से रिस्टोर कर लाते हो।

कुलमिलाकर अगर कहा जाये तो शादी के बाद आप ही नहीं बदल जाते, आपका नसीब भी बदल जाता है।

ऊपर जितनी भी बातें लिखी है ऐसा सब कुछ होने के पीछे क्या कारण हो सकता है कभी आपने सोंचा है ? मैं बताता हूँ ,कभी आपने ग़ौर किया है कि भले ही आपकी पत्नी कभी कोई व्रत रेगुलर बेसिस पर न करे परन्तु साल में कोई न कोई एक व्रत पकड़ के कर ही लेती है। बस यही व्रत आपके इस नसीब के स्विच का कारण बनता है। ईश्वर और किसी की सुनें  न सुनें परन्तु व्रत करने वाली स्त्री की अवश्य सुनता है। आपने बचपन से सुना होगा कि बीवियों के व्रत से पतियों की उम्र बढ़ती है , बिलकुल सही सुना है। जब उनके व्रत के प्रभाव से आपको अपने शादीशुदा जीवन के बाहर विचरण (एक्स्ट्रा मैरिटल) करने का मौका ही नहीं मिलेगा, आपको किसी गलत राह पर जाने की छूट ही नहीं मिलेगी तो आप पथ से भटकेंगे ही नहीं। और जब आप पथ से भटकेंगे नहीं तो बीवी के प्रति वफादार रहेंगे, ईमानदार रहेंगे और जब तक बीवी के प्रति वफादार रहेंगे तब तक ज़िंदा रहेंगे और न केवल ज़िंदा बल्कि लम्बे समय तक ज़िंदा रहेंगे।

अगर आपकी शादी हो चुकी है तो आप शायद ऊपर लिखी सारी बक़वास समझ पाएं।परन्तु अगर आप अब तक सिंगल है और प्रसन्न है तो दुनिया के किसी कोने में कोई तो होगी जो आपकी प्रसन्नता भंग करने के लिए (आपसे विवाह करने के लिए) कोई न कोई व्रत कर ही रही होगी।

तो जनाब नारी की शक्ति तो अपरम्पार है ही, उनकी व्रत के शक्ति भी कम नहीं है।




चित्र गूगल इमेज सर्च के सौजन्य से






Thursday 15 January 2015

जिंदगी के मासूम सवाल

सवाल जवाबो में उलझी इस जिंदगी में हम निरंतर जवाब देते हुए आगे बढ़ते रहते है। जिंदगी भी कभी चुप नहीं बैठती सवाल पे सवाल दागती ही रहती है। तभी तो परेशान होकर  गुलज़ार साहब ने लिखा "तुझसे नाराज नहीं जिंदगी, हैरान हूँ मैं, तेरे मासूम सवालो से परेशान हूँ मैं "

हमने जिंदगी के ऐसे ही कुछ "मासूम" से सवालो की एक सूचि संकलित की है जिनसे आपका पाला अवश्य ही पड़ा होगा। यह वो सवाल है जिनसे अरनब गोस्वामी भी एक बार तो परेशान हुआ ही होगा।




विद्यालय में पहली कक्षा से लेकर १२ वी कक्षा तक जो सवाल आपको बहुत तंग करते है उनमे से सबसे ऊपर है
 रिजल्ट कैसा रहा ? यह सवाल परीक्षा में पूछे गए सवालो से भी ज्यादा परेशान करता है। 
फिर 
क्या विषय ले रहे हो १०वी के बाद ? इस सवाल के जवाब में हम और हमारे घरवाले कभी एक मत नहीं होते। 

फिर जैसे तैसे १२वी हो जाये तो

कौन से कॉलेज में एडमिशन ले रहे हो ? (अगर कोई ढंग का कॉलेज मिल जाये तो ठीक नहीं तो अगले ३-४ साल भुगतो इस सवाल और इसके जवाब को )

फिर रिजल्ट कैसा रहा ? ( हर सेमेस्टर/साल, घूम के फिर यही सवाल आ ही जाता है )
अब कॉलेज जाना शुरू हो गया, और गलती से थोड़ा बन-ठन के निकले तो जो सवाल तैयार रहता है वो है 
किसी के साथ कोई चक्कर तो नहीं चल रहा ? ( यह सवाल डायरेक्ट नहीं पूछा जायेगा, घुमा फिरा के पूछेंगे)

कॉलेज खत्म होते होते अगला भयानक प्रश्न तैयार हो जाता है 
प्लेसमेंट हुआ ? कहाँ हुआ ? ( घरवालो से ज्यादा पड़ौसी चिंतित रहते है, जैसे उनके घर राशन नहीं आएगा अगर मेरा प्लेसमेंट नहीं हुआ तो )
हो गया तो नेक्स्ट क्वेश्चन 
कितना पैकेज है ? ( "बस इतना हमारे साढू के भतीजे का तो इतना है", अरे कितना भी हो कौनसा तुम्हारे अकाउंट में जाने है  )

फिर जैसे तैसे नौकरी मिल भी गयी तो हमारे ही अन्य दोस्त जो हमारी ही कंपनी में या अन्य कंपनी में काम कर रहे होते है, पूरा साल एक ही सवाल करेंगे,
अप्रैज़ल हुआ ? कितना हाईक मिला ?

और गलती से आप आय. टी. में हो तो तैयार रहो की साल में १२ बार यह सवाल भी आपको तंग करेगा की "फॉरेन-वॉरेन गए की नहीं एक बार भी "

फिर जिंदगी का सबसे ज्यादा दोहराने वाला और सबसे ज्यादा चिढ दिलाने वाला प्रश्न जो आपके जीवन से जुड़ा हर व्यक्ति आपसे पूछेगा
शादी कब कर रहे हो ?
शादी कब कर रहे हो ?
शादी कब कर रहे हो ? ( हर बार, हर कोई पूछेगा, जब तक की हो नहीं जाती,  इस सवाल पर तो पूरी किताब लिखी जा सकती है )

झल्ला के ही सही आप शादी कर लेते है और उसके तुरंत बाद, अगला यक्ष प्रश्न हाजिर हो जाता है
खुशखबरी कब दे रहे हो ? ( पहले साल )
खुशखबरी कब दे रहे हो ? ( दूसरे साल )
इस साल तो हो ही रहे हो न दो से तीन ( हर साल, जब तक की तीसरा आ नहीं जाता ) 
और जहाँ हमें एक खुशखबरी देने में १० बार सोचना पड़ता है वही हमारे नेता ४-४, ५-५ खुशखबरी देने को बाध्य कर रहे है। 

और खुशखबरी देने के २-३ साल बाद 
कौनसे स्कूल में डाल रहे हो ? (और गलती से आप पूछ लो की आप ही बताईये, तो तैयार रहिये रायचंदो से निपटने के लिए)

यह तो वो प्रश्न थे जो की दोस्त, रिश्तेदार, पड़ौसी, माँ-बाप, और भाई बहन आपसे पूछते रहते है। इनके तो आप जवाब भी दे सकते हो, तुरंत न सही थोड़ा वक्त लेकर। किन्तु कुछ सवाल ऐसे है जिनका जवाब आजतक नहीं खोजा जा सका है, और कोई जवाब देता भी है तो सीधे सीधे नहीं दे सकता। पहले तो सवाल ही कठीन और दूसरा यह सवाल पूछे जाते है आपकी धर्मपत्नी के द्वारा। याने की करेला वो भी नीम चढ़ा। 

तो दोस्तों पेश के जिंदगी के सबसे बड़े और खतरनाक २ सवाल जिन्होंने लगभग हर इंसान को एक बार तो परेशान किया ही होगा।

१. जानू, मैं सच में मोटी लगती हूँ ? ( सच कहो या झूठ या डिप्लोमेटिक हो जाओ, मेरे ख्याल से चुप रहना ज्यादा बेहतर है। )

और

२. आज खाने में क्या बनाना है ?(बाकी के सवाल तो कभी न कभी पीछा छोड़ ही देते है, परन्तु इस सवाल का हमारे जीवन से वैसा ही नाता है जैसा केजरीवाल का टीवी से, कांग्रेस का घोटालो से और मोदी का माइक से)



ऐसे ही आपके कोई पर्सनल सवाल हो जो इस सूचि में न हो और आपको लगता है की वो भी जीवन के सबसे जटिल प्रश्नो में से एक है तो कमेंट करिये। 

Tuesday 18 March 2014

शादी के बाद तुम बदल गए -२

शादी के बाद तुम बदल गए, इस जुमले पर एक बहुत ही हल्का सा ऑब्जरवेशन मेने अपने पुराने लेख में लिखा था, जो आपने पसंद किया था।

इसी कड़ी में "शादी के बाद तुम बदल गए" का दूसरा संस्करण आपके समक्ष प्रस्तुत है, यह लेख मूलतः मेरा लिखा गया नहीं है, और मूल लेखक का मुझे अता -पता भी नहीं है, मेने तो बस "रेडी तो ईट मील " में थोडा तड़का लगाने का प्रयास किया है, आशा है आपको पसंद आएगा। 


शादी के बाद हर इंसान बदलता है यह बात तो आपको समझ में आ ही गयी होगी, लोग आपके लिए बदल जायेंगे, आप लोगो के लिए बदल जायेंगे, यही नहीं आप अपनी बीवी या पति के लिए भी बदल जाओगे शादी के बाद, हम तो इंसान है बदलना हमारा स्वाभाव है लेकिन भगवान् का क्या ? 

अब आपको लेके चलता हूँ ऐसी ही एक मजेदार चर्चा में जहा आपको पता पड़ेगा कि शादी के बाद भगवान् भी कितना बदल गए, जी हाँ, यह चर्चा हो रही है स्वर्ग में भगवान् श्री कृष्ण और राधा रानी के बिच.

ऐसे ही घूमते घामते कृष्ण एकदम से राधा जी से टकरा गए एक दिन, देखते ही चोंक से गए, अब चौंकना तो स्वाभाविक है, आपकी शादी के हजारो साल बाद आप किसी दिन अपनी एक्स-प्रेमिका से टकरा जाओ तो आदमी शॉक में आ ही जायेगा, परन्तु यहाँ कृष्ण जी दिल ही दिल में खुश हुए और चौंकने का थोडा नाटक किया, खुश इसलिए हुए क्योंकि रुक्मिणी उनके साथ नहीं थी। कृष्ण कुछ कहते इसके पहले ही राधा जी बोली कैसे हो द्वारकाधीश ?


अब आप ही सोचिये अगर आप सालो बाद अपनी एक्स प्रेमिका से मिलो और वो आपको आपके ऑफिस में जो आपका पद है उससे सम्बोधित करे, मसलन कहे कि "कैसे हो मेनेजर साब ?" कैसा लगेगा आपको, जो कभी आपको आपके उपनाम से पुकारा करती थी, स्वीटहार्ट , जान , जानु इत्यादि और अचानक मेनेजर साब ?

यही हुआ भगवान् कृष्ण के साथ ,जो राधा उन्हें कान्हा कान्हा कह के बुलाती थी उसके मुख से द्वारकाधीश का संबोधन कृष्ण को भीतर तक घायल कर गया फिर भी किसी तरह अपने आप को संभाल लिया और बोले राधा से .........
मै तो तुम्हारे लिए आज भी कान्हा हूँ तुम तो द्वारकाधीश मत कहो! आओ बैठते है ....जलपान ग्रहण करते है कुछ मै अपनी कहता हूँ कुछ तुम अपनी कहो, और वो लोग जाके एक पेड़ कि छाँव में बैठ गए, अगर आप अपने जीवन से जोड़ के देखना चाहे तो जैसे आप किसी मॉल में "उनसे" मिले और कॉफी के लिए बैठ गए। 
सच कहूँ राधा जब जब भी तुम्हारी याद आती थी इन आँखों से आँसुओं की बुँदे निकल आती थी, दिल बड़ा ही बेचैन हो उठता था, लेकिन क्या करे शादी का धर्म रुक्मिणी के साथ निभाना ही था.
राधा ने भी एक जमके फ़िल्मी फटका मारा और  बोली,
मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ ना तुम्हारी याद आई ना कोई आंसू बहा क्यूंकि हम तुम्हे कभी भूले ही कहाँ थे जो तुम याद आते, इन आँखों में सदा तुम रहते थे कहीं आँसुओं के साथ निकल ना जाओ इसलिए रोते भी नहीं थे, हम तो वैसे के वैसे ही है,  ज़रा सा भी नहीं बदले, आप ही बिलकुल बदल गए शादी के बाद.
कृष्णा अपने माथे पे हाथ रख के  बोले , 
अरे राधा तुम भी ?? सारी  दुनिया कहती है में शादी के बाद बदल गया, यंहा तक कि रुक्मिणी भी यही कहती है , तुम तो ऐसा मत कहो। 
बेचारे कृष्ण भी एकदम फ्रस्ट्रेट होके  बोले थे , लेकिन राधा तो राधा थी, एक तो लड़की और ऊपर से एक्स प्रेमिका, 
राधा बोली, नहीं द्वारकाधीश, 
तुम बहुत बदल गए हो, मानो या न मानो, तुम मेरे कान्हा नहीं रहे.आप  कितना बदल गए हो इसका इक आइना दिखाऊं आपको ? कुछ कडवे सच ,प्रश्न सुन पाओ तो सुनाऊ?
कृष्णा जी कुछ और कहते इसके पहले राधा जी ने टोका और आगे कहना शुरू किया, वैसे भी एक बार नारी कहना शुरू कर दे तो नर को चुप चाप खड़े रह के सुनना ही पड़ता है , बिलकुल डॉक्टर कि कड़वी दवाई कि तरह  हर बात निगलना पड़ती है
राधा ने कहना जरी रखा ,  
कभी सोचा इस तरक्की में तुम कितने पिछड़ गए यमुना के मीठे पानी से जिंदगी शुरू की और समुन्द्र के खारे पानी तक पहुच गए ?एक ऊँगली पर चलने वाले सुदर्शन चक्रपर भरोसा कर लिया और दसों उँगलियों पर चलने वाळी बांसुरी को भूल गए ? कान्हा जब तुम प्रेम से जुड़े थे तो ....जो ऊँगली गोवर्धन पर्वत उठाकर लोगों को विनाश से बचाती थी प्रेम से अलग होने पर वही ऊँगली क्या क्या रंग दिखाने लगी सुदर्शन चक्र उठाकर विनाश के काम आने लगी.

तुम कहते हो कि तुम नहीं बदले लेकिन कान्हा और द्वारकाधीश में क्या फर्क होता है बताऊँ, कान्हा होते तो तुम सुदामा के घर जाते सुदामा तुम्हारे घर नहीं आता, तुम राजा हो गए हो, बड़े आदमी हो गए हो, तब एक ग्वाले हुआ करते थे। 
अब तक राधा फुल मूड में आ चुकी थी, कान्हा भी समझ गए थे कि अब पार पाना अपने बस का ना है

राधा ने बिना साँस लिए बोलना ज़ारी रखा 
युद्ध में और प्रेम में यही तो फर्क होता है युद्ध में आप मिटाकर जीतते हैं और प्रेम में आप मिटकर जीतते हैं कान्हा,  प्रेम में डूबा हुआ आदमी दुखी तो रह सकता है पर किसी को दुःख नहीं देता

राधा वाकई में कान्हा कि सच्ची प्रेमिका थी, कान्हा कि हर गतिविधि पर नजर रखे हुए थी, कान्हा के हर एक एक्शन को राधा ने करीब से देखा था, हो सकता जैसे आप भी अपने एक्स पार्टनर कि फेसबुक प्रोफाइल को रेगुलरली चेक करते हो, मन ही मन उसके हर मूव को रिकॉर्ड करते हो, हो सकता है न ? मतलब में ये नहीं कह रहा कि ऐसा होता ही है, हो सकता है, सम्भावना है। 
तो राधा को भी कान्हा कि पूरी जानकारी थी, उसने आज सोच लिया था कि साबित करना ही है कि कान्हा शादी के बाद कितना बदल गया है , राधा आगे बोली 
आप तो कई कलाओं के स्वामी हो स्वप्न दूर द्रष्टा हो गीता जैसे ग्रन्थ के दाता हो पर आपने क्या निर्णय किया अपनी पूरी सेना कौरवों को सौंप दी? और अपने आपको पांडवों के साथ कर लिया सेना तो आपकी प्रजा थी राजा तो पालक होता है उसका रक्षक होता है, आप जैसा महा ज्ञानी उस रथ को चला रहा था जिस पर बैठा अर्जुन आपकी प्रजा को ही मार रहा था अपनी प्रजा को मरते देख आपमें करूणा नहीं जगी ?
 क्यूंकि आप प्रेम से शून्य हो चुके थे, आप बदल चुके थे मान लो कान्हा कि इंसान हो या भगवान्, शादी के बाद हर कोई बदल जाता है। 
कान्हा कि बारी आयी, अबकी कान्हा बोले, 
मान गया राधा कि में बहुत बदल गया हूँ, लेकिंन क्या करे काम काज का बोझ, और शादी के बाद घर गृहस्थी कि जिम्मेदारी में कोई भी अपने आप को बदल ही लेता है, बदलना ही पड़ता है, जिंदगी में आगे बढ़ना ही पड़ता है, अब इसमें मेरा क्या कसूर ?
राधा ठहाके लगा के हंसी और बोली, वो तो सब ठीक है, पर एक बात बताती हूँ, प्रेम से कभी दूर मत रहो, हो सके तो उसी से शादी करो  जिससे प्रेम करते हो, वोही काम करो जिसमे आनंद आता हो, बस जिम्मेदारी निभाने के लिए किया गया काम और प्रेम ये दुनिया याद नहीं रखती।
कान्हा ने माथे पे बल देकर कहा, में कुछ समझा नहीं राधा, 
तब राधा ने अपना लास्ट बट नोट दी लीस्ट वाला मास्टर डायलॉग मारा, और जो बात राधा ने कही उसके बाद आप भी विचार करने को मजबूर हो जायेंगे ……………राधा ने अपनी अंतिम बात कुछ यू रखी
मतलब यह है कान्हा कि आज भी धरती पर जाकर देखो अपनी द्वारकाधीश वाळी छवि को ढूंढते रह जाओगे,  हर मंदिर में मेरे साथ ही खड़े नजर आओगे आज भी मै मानती हूँ लोग गीता के ज्ञान की बात करते हैं उनके महत्व की बात करते है मगर धरती के लोग युद्ध वाले द्वारकाधीश पर नहीं प्रेम वाले कान्हा पर भरोसा करते हैं गीता में मेरा दूर दूर तक नाम भी नहीं है पर आज भी लोग उसके समापन पर " राधे राधे" करते है"

विचार कीजियेगा कि शादी के बाद बदल जाने के तर्क वितर्क में भगवान् भी जीत न पाये तो क्या आप जीत पाएंगे ??

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